भारत में सोलर प्रोजेक्ट्स पर लागू GST दरों का संपूर्ण मार्गदर्शन
सोलर पावर और GST: क्यों है जानना ज़रूरी
भारत में सौर ऊर्जा (solar energy) तेजी से बढ़ रही है — चाहे वो छत (rooftop) पर लगाई गई हो, खेतों में सोलर पंप हो, या बड़े पावर प्लांट हों। लेकिन सौर पैनल, इनवर्टर, बैटरियाँ, माउंटिंग स्ट्रक्चर आदि जैसे उपकरणों और उनके इंस्टॉलेशन/कमिशनिंग सेवाओं पर लागू GST (Goods and Services Tax) का दर तय करना महत्वपूर्ण है — क्योंकि यह तय करेगा कि कुल लागत कितनी होगी।
हाल ही में, सरकार ने 2025 में कुछ अहम बदलाव किए हैं, जिससे सोलर-पावर सिस्टम्स थोड़े सस्ते हुए हैं। इस ब्लॉग में हम इन बदलावों की पूरी जानकारी देंगे — ताकि आप समझ सकें कि आपको कौन-सा GST देना होगा।
2025 में प्रमुख बदलाव — GST दरों में कमी
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जैसा कि GST Council ने 3 सितंबर 2025 को घोषित किया था, अब भारत में “नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण/डिवाइस” — जिनमें सोलर पैनल, फोटोवोल्टाइक सेल्स, सोलर जेनरेटर आदि आते हैं — पर GST दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है। यह नई दर 22 सितंबर 2025 से लागू हुई। pv magazine India+2Upstox - Online Stock and Share Trading+2
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यह बदलाव सिर्फ पैनल तक ही नहीं, बल्कि “सोलर पावर-आधारित डिवाइस, सिस्टम, जेनरेटर, वाटर हीटर, सोलर लैंप/लैंटरन, सोलर कोकर आदि” पर लागू हुआ है। Angel One+2https://www.bajajfinserv.in+2
इस बदलाव से, सोलर सिस्टम लगाना पहले से किफायती हुआ है — और गृहस्थ, किसान, छोटे उद्योग एवं बड़े प्रोजेक्ट्स सबको फायदा होने की संभावना है।
GST दरें — कौन-कौन से घटक प्रभावित हुए
नीचे सारणी में विभिन्न सोलर-पावर से जुड़े घटकों (components/services) और उनकी वर्तमान GST दरें (2025 के बाद) दी गई हैं:
1. सोलर पैनल / मॉड्यूल (PV Modules / Panels)
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HSN कोड: 8541 / 85414011 / 85414012
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GST दर: 5%
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विवरण:
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सोलर पावर सिस्टम का मुख्य और सबसे आवश्यक घटक।
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2025 के बदलाव के बाद GST 12% से घटकर 5% हुआ।
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2. सोलर इनवर्टर (On-Grid / Hybrid में उपयोग होने वाला)
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HSN कोड: 8504 / 85044090
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GST दर: 5%
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विवरण:
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अगर इनवर्टर सोलर सिस्टम के हिस्से के रूप में बेचा जाए तो 5% GST लागू।
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स्वतंत्र रूप से बेचे जाने पर अन्य दरें लागू हो सकती हैं।
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3. पूरा सोलर पावर जेनरेटिंग सिस्टम (PV System / SPGS)
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HSN कोड: लागू नहीं
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GST दर:
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सिस्टम के सामान (Goods) पर 5%
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सेवाओं पर अलग GST (कई मामलों में Composite Supply माना जाता है)
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विवरण:
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Composite supply होने पर blended GST लागू हो सकता है।
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नई दरों के बाद पूरे सिस्टम की कुल लागत घटी है।
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4. माउंटिंग स्ट्रक्चर (Metal Frames, Rails आदि)
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HSN कोड: 7308 / 73089090 / 7610 आदि
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GST दर: 18%
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विवरण:
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अगर माउंटिंग स्ट्रक्चर अलग से बेचा जाए तो 18% GST लागू।
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अगर सिस्टम में bundled हो तो composite GST लागू हो सकता है।
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5. तार (Wiring), एक्सेसरीज़, चार्ज कंट्रोलर, Connector आदि
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HSN कोड: —
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GST दर: आमतौर पर 18%
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विवरण:
- ये कंपोनेंट्स सामान्यतः SPGS में शामिल नहीं होते, इसलिए अलग सप्लाई पर 18% GST लगता है।
6. बैटरी (Lithium-ion / Lead-acid Storage Batteries)
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HSN कोड: 8507
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GST दर: 18%
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विवरण:
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बैटरियाँ अभी 5% की रियायती सूची में शामिल नहीं हैं।
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ऑफ-ग्रिड और हाइब्रिड सिस्टम में लागू।
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7. इंस्टॉलेशन / कमिशनिंग / EPC सेवाएँ
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HSN / SAC कोड: SAC 9954 / Works Contract
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GST दर:
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सेवा भाग पर 18%
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Goods पर 5%
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Composite supply की स्थिति में Effective GST approx. 8.9%
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विवरण:
- EPC (Engineering + Procurement + Construction) प्रोजेक्ट्स की GST दर प्रोजेक्ट के स्वरूप पर निर्भर करती है।
EPC / इंस्टॉलेशन कॉन्ट्रैक्ट्स — क्या है नियम
जब आप सोलर पैनल + इनवर्टर + माउंटिंग + इंस्टॉलेशन आदि को एक साथ ले रहे हों — यानी पूरा सोलर पावर प्लांट लगवाना चाह रहे हों — तो यह एक “composite supply” या “EPC contract / works contract” के अंतर्गत आता है।
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परंपरागत रूप से — before 2025 reform — इस मामले में 70% मूल्य को goods माना जाता था, उस पर 12%GST, और 30% को services माना जाता था, उस पर 18% GST। कुल मिलाकर effective GST ~ 13.8% बन जाता था। solartiger.in+2cleartax+2
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लेकिन 2025 के बदलाव के बाद, अगर entire EPC supply को “solar power generating system” के रूप में माना जाए, तो goods (जिनमें पैनल, इनवर्टर आदि आते हैं) पर 5% GST होगा। सेवा / installation पर 18% हो सकती है — या कुछ जगह “blended/ composite” दरें लागू हो रही हैं। Loop Solar+2TAXAJ Cares+2
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कुछ स्रोत यह भी बताते हैं कि composite supply पर effective GST लगभग 8.9% हो सकती है। times.solar+1
मतलब: अगर आप एक rooftop या ground-mounted solar plant लगवाते हैं, तो कुल GST दर ~ 9-10% के आस-पास आ सकती है — जो पुराने समय (जहां अलग-अलग आइटम पर 12–18%) की तुलना में बेहतर है।
क्या GST में छूट, ITC या कोई विशेष प्रावधान है?
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बिजली (electricity) — यानी जो विद्युत उत्पन्न होती है और consumed होती है — उस पर GST नहीं लगता, क्योंकि बिजली neither goods है, न service। TAXAJ Cares+1
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यदि आप कमर्शियल या इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट कर रहे हों, आप Input Tax Credit (ITC) का लाभ ले सकते हैं — अर्थात् आपने जो GST दिया है, वो अगले टैक्स भुगतान में सेट-ऑफ किया जा सकता है। solartiger.in+1
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गृहस्थों के लिए (residential rooftop) ITC नहीं मिलेगी — इसलिए यह दरें final लागत पर असर डालेंगी। solartiger.in+1
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यदि सरकार या राज्य-स्वामित्व वाली संस्था द्वारा प्रोजेक्ट हो — तो GST exempt हो सकता है, लेकिन तब भी ITC का लाभ नहीं मिलेगा। solartiger.in+1
2025 के GST सुधार का व्यापक प्रभाव — भारत के परिप्रेक्ष्य में
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ये बदलाव — विशेषकर पैनल, मॉड्यूल, इनवर्टर आदि के लिए 5% GST — सोलर पावर सिस्टम्स को कुल मिलाकर सस्ता बनाते हैं। pv magazine India+2Bluebird Solar+2
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छोटे घरों, किसान घरों, ग्रामीण इलाकों और ऑफ-ग्रिड सिस्टम्स के लिए उम्मीद है कि सोलर सिस्टम्स ज्यादा सुलभ होंगे।
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बड़े व्यावसायिक प्रोजेक्ट्स, प्लांट्स, किसान पंप आदि पर भी निवेश की लागत घटेगी — जिससे सोलर अपनाने की दर बढ़ सकती है।
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समग्र रूप से, यह कदम भारत की “ग्रीन एनर्जी ट्रांज़िशन” (renewable energy transition) को गति देने में सहायक होगा।
कुछ वॉल्यूमेट्रिक अनुमान भी लगे हैं — जैसे कि इस टैक्स कट से सोलर प्रोजेक्ट्स की पूंजी लागत ~ 5% कम हो सकती है। The Times of India+2pv magazine India+2
किन बातों पर ध्यान दें — सीमाएँ, शर्तें, सावधानियाँ
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बटनलिंग / सप्लाई कैसे होती है: अगर पैनल-इनवर्टर-माउंटिंग आदि अलग-अलग और अलग-अलग विक्रेता / सप्लायर/ सेवाकार्यकर्ता से लिये जाते हैं, तो अलग GST दरें (5%, 18%) लागू हो सकती हैं।
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बैटरियाँ और कुछ एक्सेसरीज़ अभी भी 18% पर सुलभ — मतलब कुल लागत में अभी भी कुछ हिस्सों की कीमत कम नहीं होगी।
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EPC / इंस्टॉलेशन कॉन्ट्रैक्ट: यदि यह composite supply नहीं माना जाए, या अलग supply/सेवा मानी जाए — तो पहले जैसा 12%/18% या अन्य slab लागू हो सकता है।
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ITC व अन्य टैक्स लाभ — सिर्फ कमर्शियल या इंडस्ट्रियल उपयोगकर्ताओं को होगा; गृहस्थ (रिहायशी) उपयोगकर्ता इसे नहीं ले पाएँगे।
आपका फैसला कैसे प्रभावित होगा — गृह, किसान, कॉन्ट्रैक्टर के लिए
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आप अगर रूफ-टॉप सोलर सिस्टम लगा रहे हैं — तो 5% GST (पैनल + इनवर्टर) + संभवतः कुछ हिस्सों पर 18% (जैसे बैटरी / माउंटिंग / wiring) — कुल मिलाकर लागत पहले से कम होने की संभावना है।
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अगर आप किसानी / खेतों के लिए सोलर पंप / सोलर सिस्टम लगा रहे हैं, तो भी समान तौर पर कम GST दर आपको फायदा पहुंचाएगी।
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यदि आप प्रोफेशनल इंस्टॉलेशन / EPC कॉन्ट्रैक्ट के तहत काम कर रहे हैं — GST में कटौती का लाभ आपके क्लाइंट्स को दे सकते हैं, और इसके कारण प्रोजेक्ट्स अधिक आकर्षक हो सकते हैं।
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हालांकि, बैटरियों और कुछ अन्य हिस्सों (accessories) पर अभी भी पहले जैसा उच्च GST हो सकता है — इसलिए कुल लागत से पहले अच्छी जांच-परख कर लें।
निष्कर्ष
2025 में हुए GST सुधार — जिसमें 12% से 5% तक की कटौती शामिल है — सोलर पावर सिस्टम्स के लिए एक बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम है। यह सिर्फ पैनल तक सीमित नहीं; बल्कि पूरे सोलर उपकरण/उत्पादन-शृंखला (solar modules, inverters, generators, water-heaters, solar devices) को कवर करता है।
इसका सीधा मतलब है: सोलर पावर अब पहले से ज़्यादा किफायती हुआ है — चाहे वो आप अपने घर के लिए लगाएं, खेती या सोलर पम्प के लिए, या बड़े पावर प्लांट या कॉमर्शियल इंस्टॉलेशन के लिए।
लेकिन सावधान रहिए — हर घटक पर एक समान दर नहीं है, कुछ उपकरणों पर अभी भी उच्च GST है। यदि आप प्लांट इंस्टॉल करने जा रहे हैं, तो अपना बजट और इन्वेस्टमेंट इन बातों को ध्यान में रखते हुए तैयार करें।
आइए, अब हम 2025 में सोलर पावर सिस्टम इंस्टॉलेशन की अनुमानित लागत और उसमें GST को ध्यान में रखते हुए एक उदाहरण से समझते हैं। इस गणना के लिए हमें कुछ प्रमुख जानकारी चाहिए:
जानकारी की आवश्यकता
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इंस्टॉलेशन का प्रकार:
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रूफटॉप सोलर (गृहस्थ उपयोग)
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ग्राउंड-माउंटेड सोलर
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ऑफ-ग्रिड / हाइब्रिड सोलर सिस्टम (बैटरी के साथ)
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सिस्टम का आकार (kW में):
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घरेलू उपयोग के लिए 1 kW से लेकर 10 kW तक के सिस्टम होते हैं।
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बड़े व्यवसायों या उद्योगों के लिए 20 kW, 50 kW, 100 kW इत्यादि।
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स्थान (भारत का राज्य या क्षेत्र):
- इंस्टॉलेशन की लागत स्थान विशेष (राज्य) के हिसाब से बदल सकती है, जैसे परिवहन शुल्क, श्रमिक दरें आदि।
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बैटरी स्टोरेज (अगर है):
- क्या आपको बैटरी बैकअप की आवश्यकता है? (यह मुख्य रूप से ऑफ-ग्रिड या हाइब्रिड सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण है)।
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EPC प्रदाता (इंजीनियरिंग, प्रो큐र्मेंट, और कंस्ट्रक्शन):
- जिस इंस्टॉलर या प्रदाता को आप चुनने जा रहे हैं, उसकी कीमतें भी भिन्न हो सकती हैं।
अब, हम 3 kW का एक सामान्य गृहस्थी सोलर सिस्टम (रूफटॉप) के लिए अनुमानित लागत का हिसाब लगाते हैं।
3 kW सोलर सिस्टम की अनुमानित लागत (GST सहित)
कंपोनेंट्स की लागत:
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सोलर पैनल (1 kW): ₹35,000 प्रति kW × 3 kW = ₹1,05,000
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सोलर इनवर्टर (1 kW): ₹12,000 प्रति kW × 3 kW = ₹36,000
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माउंटिंग स्ट्रक्चर और एक्सेसरीज़: ₹12,000 (3 kW सिस्टम के लिए अनुमानित)
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इंस्टॉलेशन/कमिशनिंग चार्ज: ₹7,500 (3 kW सिस्टम के लिए)
कुल कंपोनेंट्स की लागत (GST से पहले):
₹1,05,000 + ₹36,000 + ₹12,000 + ₹7,500 = ₹1,60,500
GST की गणना:
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सोलर पैनल और इनवर्टर (5% GST): ₹1,05,000 (पैनल) + ₹36,000 (इनवर्टर) = ₹1,41,000 GST = 5% of ₹1,41,000 = ₹7,050
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माउंटिंग स्ट्रक्चर और एक्सेसरीज़ (18% GST): ₹12,000 GST = 18% of ₹12,000 = ₹2,160
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इंस्टॉलेशन चार्ज (18% GST): ₹7,500 GST = 18% of ₹7,500 = ₹1,350
कुल GST:
₹7,050 (पैनल और इनवर्टर) + ₹2,160 (माउंटिंग) + ₹1,350 (इंस्टॉलेशन) = ₹10,560
कुल लागत (GST सहित):
₹1,60,500 (GST से पहले) + ₹10,560 (GST) = ₹1,71,060
अगर आप बैटरी स्टोरेज जोड़ते हैं (ऑफ-ग्रिड या हाइब्रिड सिस्टम):
अगर आप बैटरी बैकअप जोड़ना चाहते हैं (जो ऑफ-ग्रिड सिस्टम्स के लिए जरूरी होता है), तो हमें बैटरी की लागत जोड़नी होगी।
बैटरी की लागत:
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बैटरी (1 kWh): ₹18,000 (औसतन)
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3 kW सिस्टम के लिए, मान लीजिए कि आपको 4 kWh बैकअप की आवश्यकता है (आपकी दैनिक ऊर्जा खपत के आधार पर)।
बैटरी की लागत = ₹18,000 × 4 = ₹72,000
बैटरी पर GST (18%):
GST = 18% of ₹72,000 = ₹12,960
नई कुल लागत (बैटरी सहित):
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कंपोनेंट्स की लागत (बैटरी के साथ): ₹1,60,500 (पहली कुल लागत) + ₹72,000 (बैटरी) = ₹2,32,500
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बैटरी पर GST: ₹12,960
बैटरी सहित कुल लागत:
₹2,32,500 + ₹12,960 = ₹2,45,460
मुख्य बिंदु:
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3 kW का सोलर सिस्टम (बैटरी के बिना) ₹1,71,060 का पड़ेगा।
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अगर बैटरी स्टोरेज शामिल किया जाए (ऑफ-ग्रिड या हाइब्रिड), तो कुल लागत ₹2,45,460 होगी।
बड़े सिस्टम (व्यवसाय / उद्योग के लिए):
अगर आप बड़े सिस्टम (जैसे 20 kW, 50 kW आदि) इंस्टॉल करवा रहे हैं, तो प्रति kW लागत आमतौर पर कम हो जाती है, क्योंकि बड़े प्रोजेक्ट्स में economies of scale (आर्थिक पैमाने) का फायदा मिलता है। ऐसे सिस्टम के लिए औसतन कीमत ₹30,000 से ₹35,000 प्रति kW हो सकती है।
हालांकि, GST लाभ और ITC (Input Tax Credit) बड़े व्यवसायों को अधिक फायदा पहुंचा सकते हैं, क्योंकि वे GST का क्रेडिट ले सकते हैं।